Credit Score & Cibil Report: क्रेडिट स्कोर क्यों ज़रूरी है और सिबिल रिपोर्ट क्या है

क्रेडिट स्कोर एक नंबर होता है जो बताता है कि आप कितने अच्छे से अपने पैसे का इस्तेमाल करते हैं और क्या आप लोन या क्रेडिट कार्ड का पैसा वापस चुका पाएंगे। यह एक तरह से आपकी वित्तीय सेहत का रिपोर्ट कार्ड है।

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By Turant Loan

Credit Score &Cibil Report: क्रेडिट स्कोर क्यों ज़रूरी है और सिबिल रिपोर्ट क्या है
Credit Score &Cibil Report

किसी भी प्रकार का लोन लेने के लिए सबसे जरूरी होता है आवेदक का क्रेडिट स्कोर। ये एक तरह का नंबर होता है जो बताता है कि आपने अब तक अपने पैसे का कितने अच्छे से इस्तेमाल किया है। मान लीजिए, आपने कभी लोन लिया हो या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया हो, तो ये नंबर दिखाता है कि आपने समय पर उनका भुगतान किया या नहीं। ये नंबर बैंक को भरोसा देता है और फिर उसी के आधार पर लोन की राशि तय की जाती है। अच्छा स्कोर होने पर आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल जाता है।

आपका CIBIL स्कोर क्या है?

CIBIL स्कोर एक तीन अंकों की संख्या है जो 300 से 900 के बीच होती है। यह बताता है कि आप कितने अच्छे कर्जदार हैं। एक अच्छा स्कोर आपको जल्दी लोन और क्रेडिट कार्ड मिलने में मदद कर सकता है, और आपको बेहतर ऑफर भी मिल सकते हैं। ज्यादातर बैंकों और अन्य फाइनेंस कंपनियों के लिए, लोन मंजूर करने के लिए कम से कम 685 का CIBIL स्कोर होना चाहिए।

क्रेडिट स्कोर क्या है?

क्रेडिट स्कोर, जिसे सिबिल स्कोर भी कहा जाता है, ये तीन अंकों की संख्या होती है जो आपके क्रेडिट इतिहास और मैनेजमेंट को बताती है। यह बताता है कि आपने अपने लोन और क्रेडिट कार्ड्स का भुगतान कैसे किया है और इस आधार पर आपको लोन देने में कितना जोखिम है। जब आप किसी लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक और NBFC आपके क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करते हैं।

क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच होता है और ज्यादा स्कोर आपके आवेदन की मंजूरी की संभावना बढ़ाता है। आमतौर पर, 750 या इससे अधिक का स्कोर अच्छा माना जाता है। सिबिल, एक्सपेरियन, CIRF Highmark और इक्वीफैक्स जैसे क्रेडिट ब्यूरो आपके क्रेडिट स्कोर की गणना करते हैं। पैसाबाज़ार जैसे प्लेटफार्म पर आप मुफ्त में अपना क्रेडिट स्कोर देख और ट्रैक कर सकते हैं, जिसका आपके स्कोर पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता।

क्रेडिट स्कोर क्यों जरूरी है ?

जब आप किसी बैंक में लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर देखता है। यदि आपका स्कोर कम होता है, तो बैंक आपका फॉर्म रिजेक्ट कर सकती हैं। वहीं अच्छा स्कोर होने पर बैंक आपकी अन्य जानकारी की जांच करती है ताकि यह तय कर सके कि आपको लोन देना सही है या नहीं। इसलिए अच्छा क्रेडिट स्कोर आपके लोन आवेदन के स्वीकृत होने की संभावना को बढ़ाता है। हालांकि केवल क्रेडिट स्कोर ही लोन मिलने की गारंटी नहीं है, बैंक आपकी आय, मौजूदा EMI, नौकरी का रिकॉर्ड और पेशे की भी जांच करती है।

क्रेडिट स्कोर कैसे कैलकुलेट किया जाता है?

क्रेडिट स्कोर कई महत्वपूर्ण कारकों पर आधारित होता है, जो इस प्रकार है –

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  1. समय पर लोन और क्रेडिट कार्ड का भुगतान करने से क्रेडिट स्कोर में सुधार होता है, जबकि समय पर भुगतान न करने से स्कोर पर बुरा असर पड़ता है।
  2. आपकी क्रेडिट हिस्ट्री जितनी पुरानी होती है, उतना ही आपके स्कोर पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। यह दर्शाता है कि आप लंबे समय से अपने क्रेडिट का सही तरीके से इस्तेमाल कर रहे है।
  3. जब आप लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंक आपकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करता है, जिसे हार्ड-इन्क्वायरी कहते हैं। ज्यादा hard-enquiry होने से आपके स्कोर पर बुरा असर पड़ सकता है।
  4. क्रेडिट लिमिट का उपयोग जितना कम होता है, उतना ही अच्छा होता है। 30% से कम क्रेडिट उपयोग करना बेहतर होता है, क्योंकि अधिक उपयोग से स्कोर पर गलत प्रभाव पड़ता है।
  5. विभिन्न प्रकार के लोन का होना, जैसे पर्सनल लोन, होम लोन, ऑटो लोन और उनका समय पर भुगतान करना, आपके क्रेडिट स्कोर को सुधारता है। ज्यादा अन-सिक्योर्ड लोन लेने से स्कोर और बुरा असर पड़ सकता है।
  6. क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी, छोटी क्रेडिट हिस्ट्री, और किसी लोन के गारंटर होने पर उसका भुगतान न होना ये सभी भी आपके क्रेडिट स्कोर पर बुरा प्रभाव डाल सकती है।

इन सभी कारकों के आधार पर आपका क्रेडिट स्कोर कैलकुलेट किया जाता है, जो आपकी क्रेडिट योग्यता को दर्शाता है।

कितना क्रेडिट स्कोर अच्छा माना जाता है?

कोविड-19 के बाद, बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने लोन देने की शर्तें सख्त कर दी हैं। अब 760 या उससे अधिक का क्रेडिट स्कोर अच्छा माना जाता है, चाहे वह सिबिल से हो या किसी अन्य क्रेडिट ब्यूरो से। ऐसा स्कोर होने पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। अलग-अलग क्रेडिट ब्यूरो अपने तरीके से स्कोर निकालते हैं, इसलिए स्कोर अलग-अलग हो सकता है। हर 3-4 महीने में क्रेडिट स्कोर चेक करना अच्छा होता है। आमतौर पर 800 से अधिक बहुत अच्छा, 761-800 अच्छा, 701-760 ठीक, 601-700 कम, और 300-600 बहुत कम माना जाता है। ये रेंज बैंकों और ब्यूरो के हिसाब से बदल सकती है।

सिबिल रिपोर्ट क्या है

सिबिल रिपोर्ट (CIBIL Report) एक क्रेडिट रिपोर्ट होती है जो आपके क्रेडिट इतिहास और क्रेडिट स्कोर की सभी जानकारी प्रदान करती है। यह रिपोर्ट भारत की क्रेडिट सूचना कंपनी, क्रेडिट इंफॉर्मेशन ब्यूरो (इंडिया) लिमिटेड (CIBIL) द्वारा तैयार की जाती है। इसमें आपके सभी क्रेडिट-संबंधी लेन-देन, जैसे कि बैंक लोन, क्रेडिट कार्ड भुगतान, और अन्य क्रेडिट सुविधाओं की जानकारी शामिल होती है।

सिबिल रिपोर्ट की जरूरत कहां होती है?

सिबिल रिपोर्ट की जरूरत उन सभी जगहों पर होती है जहां पर किसी व्यक्ति की वित्तीय विश्वसनीयता की जांच की जाती है जैसे – जब आप कोई लोन लेते हैं, चाहे वह होम लोन हो, कार लोन हो, या पर्सनल लोन, तो बैंक आपकी सिबिल रिपोर्ट जरूर चेक करते हैं। जिससे पता चलता है कि आप कितने भरोसेमंद उधारकर्ता हैं और क्या आप लोन चुका पाएंगे।

क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते समय भी सिबिल रिपोर्ट की जरूरत होती है। क्रेडिट कार्ड कंपनियां आपकी सिबिल रिपोर्ट के आधार पर तय करती हैं कि आपको कितनी क्रेडिट लिमिट दी जाएगी। कई कंपनियां नौकरी देने से पहले उम्मीदवारों की सिबिल रिपोर्ट चेक करती हैं।

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