अब Personal Loan नहीं चुका पाने पर न हों परेशान, कर्ज के जाल से बाहर निकालेंगे आपको ये तरीके

पर्सनल लोन की किश्तों से हैं परेशान? हम आपके लिए कुछ समाधान लेकर आए हैं। आजकल पर्सनल लोन लेना आम बात हो गई है, लेकिन कई बार आर्थिक मंदी के कारण हम इनका भुगतान नहीं कर पाते।

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By Turant Loan

अब Personal Loan नहीं चुका पाने पर न हों परेशान, कर्ज के जाल से बाहर निकालेंगे आपको ये तरीके
RBI’s new circular

कर्ज़ एक ऐसा बोझ है, जो अक्सर हमारी आर्थिक स्वतंत्रता और मानसिक शांति को बाधित कर देता है। कई बार परिस्थितियाँ ऐसी हो जाती हैं कि कर्ज़ चुकाना कठिन हो जाता है, और हम लोन के जाल में फंसने लगते हैं। ऐसे में घबराने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि कई उपाय हैं जिनकी मदद से हम इस स्थिति से बाहर निकल सकते हैं। आइए, इन उपायों को विस्तार से समझते हैं।

RBI का नया सर्कुलर

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे जानबूझकर लोन नहीं चुकाने वाले डिफॉल्टर्स के साथ लोन सेटलमेंट करें। इसके साथ ही, अगर कोई व्यक्ति 12 महीने बाद फिर से लोन लेना चाहता है तो उसे नया लोन दिया जाए। इससे उन लोगों को काफी राहत मिलेगी, जो सेटलमेंट के बाद लोन प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना कर रहे थे। हालांकि, इस फैसले का कुछ विरोध भी हुआ है, पर आरबीआई ने स्पष्ट किया है कि लोन सेटलमेंट की प्रक्रिया कोई नई नहीं है।

लोन के प्रकार

लोन मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:

  1. सिक्योर्ड लोन: इसमें बैंक किसी संपत्ति को गिरवी रखकर लोन देता है। अगर लोन चुकाने में असमर्थता हो, तो बैंक उस संपत्ति को बेचकर अपनी राशि वसूल करता है। इसमें होम लोन, कार लोन, आदि आते हैं।
  2. अनसिक्योर्ड लोन: इसमें बैंक लोन लेने वाले की क्रेडिट हिस्ट्री, सैलरी या अन्य मानदंडों के आधार पर लोन देता है। इसमें कोई संपत्ति गिरवी नहीं रखी जाती, और क्रेडिट कार्ड लोन या पर्सनल लोन इसके उदाहरण हैं।

पर्सनल लोन नहीं चुका पाने पर क्या करें?

अगर आप किसी कारणवश लोन नहीं चुका पा रहे हैं, तो सबसे पहले घबराएं नहीं। बैंक से सीधी बात करें और अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में उन्हें अवगत कराएं। कुछ महत्वपूर्ण विकल्पों पर विचार करें:

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  1. बैंक से बात करें: सबसे पहले आपको अपने बैंक से संपर्क करना चाहिए और अपनी समस्या के बारे में बताना चाहिए। बैंक आपकी मदद के लिए कुछ विकल्प जैसे कि EMI का पुनर्गठन, मोरेटोरियम या लोन एक्सटेंशन दे सकता है।
  2. समय की मांग करें: बैंक से कुछ समय के लिए EMI चुकाने में राहत मांग सकते हैं। बैंक आपकी स्थिति के आधार पर फैसला लेगा।
  3. लोन का पुनर्गठन: अगर आपका कर्ज बहुत अधिक है तो आप कर्ज पुनर्गठन का विकल्प चुन सकते हैं। इस विकल्प के तहत आपका कर्ज छोटी किश्तों में बदल दिया जाता है, जिससे आपको कर्ज चुकाना आसान हो जाता है।
  4. बैलेंस ट्रांसफर: आप दूसरे बैंक से लोन की बैलेंस ट्रांसफर सुविधा का लाभ उठा सकते हैं, जहां ब्याज दरें कम हो सकती हैं और आपको अतिरिक्त राशि भी मिल सकती है।
  5. लोन सेटलमेंट: अगर लोन चुकाना संभव नहीं है, तो बैंक से लोन का सेटलमेंट करवा सकते हैं। इसमें बैंक कुछ प्रतिशत राशि लेकर बाकी कर्ज़ माफ कर देता है।
  6. कर्ज समेकन: अगर आपने कई जगह से लोन लिया है तो आप कर्ज समेकन का विकल्प चुन सकते हैं। इस विकल्प के तहत आपके सभी लोन को एक ही लोन में बदल दिया जाता है, जिससे आपको एक ही जगह पर किश्त चुकाना होता है।
  7. वित्तीय सलाहकार से संपर्क करें: एक वित्तीय सलाहकार आपको आपके कर्ज से बाहर निकलने के लिए सबसे अच्छा तरीका बता सकता है।
  8. खर्चों में कटौती करें: आपको अपने खर्चों में कटौती करनी चाहिए और केवल जरूरी चीजों पर ही पैसा खर्च करना चाहिए।

सेटलमेंट के नुकसान और भविष्य के उपाय

लोन सेटलमेंट के बाद क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है और सिबिल रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख होता है। इससे 12 महीनों तक नए लोन मिलने में कठिनाई हो सकती है। हालांकि, भविष्य में जब आपकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो जाए, तो बैंक से बात करके सेटल्ड लोन को बंद करवा सकते हैं।

अतिरिक्त आय के स्रोत खोजें

  1. पुरानी चीजें बेचें: घर या ऑफिस में ऐसी कई चीजें हो सकती हैं जो उपयोग में नहीं आ रही हों। इन्हें बेचकर लोन चुकाने के लिए धन जुटाया जा सकता है।
  2. सेविंग्स और निवेश का उपयोग करें: अगर आपने कहीं निवेश किया है या सेविंग्स हैं, तो उनका उपयोग कर लोन की राशि चुका सकते हैं।
  3. दोस्तों और परिवार से मदद लें: अगर आप किसी भरोसेमंद दोस्त या परिवार के सदस्य से उधार ले सकते हैं, तो इसका भी सहारा लिया जा सकता है।

कर्ज के जाल से बचने के टिप्स

  1. लोन तभी लें जब ज़रूरी हो: सिर्फ शौक पूरे करने या दिखावे के लिए लोन न लें। लोन लेने से पहले अपनी ज़रूरतों और क्षमताओं का आकलन करें।
  2. ईएमआई का सही अनुपात: आपकी ईएमआई आपकी आय का 35-40% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इससे आर्थिक संतुलन बनाए रखना आसान होगा।
  3. बीमा करवाएं: अगर आप पर्सनल लोन ले रहे हैं, तो उस लोन की राशि के बराबर का बीमा करवाएं। इससे किसी आपातकालीन स्थिति में लोन चुकाने की जिम्मेदारी बीमा कंपनी पर आ जाएगी।

कर्ज से बाहर निकलने की योजना

  1. पार्ट-टाइम काम करके अतिरिक्त आय जुटाएं और उसे लोन चुकाने में लगाएं।
  2. किसी भी अतिरिक्त आय या बोनस से लोन की प्री-पेमेंट करें।
  3. लोन चुकाने के लिए नया लोन लेने से बचें। कोशिश करें कि खर्चों में कटौती कर लोन चुकाएं।

लोन का बोझ कभी-कभी भारी लग सकता है, लेकिन थोड़ी सी समझदारी और सही फैसले लेने से आप इस जाल से बाहर निकल सकते हैं। बैंक से संपर्क में रहकर और सही वित्तीय योजनाओं को अपनाकर आप अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकते हैं। सबसे महत्वपूर्ण है कि धैर्य बनाए रखें और सही समय पर सही निर्णय लें।

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