यदि आप देहरादून के किसान है तो आपके लिए खुशखबरी है. क्योंकि अब आप जीरो ब्याज पर लोन ले सकते है. राज्य के किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए उत्तराखंड सरकार की पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को खेती के लिए जरूरी पैसे दिए जा रहे हैं। न केवल पैसे, बल्कि खाद और कृषि उपकरण भी किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। देहरादून सहकारी समिति के अधिकारी, डॉ. बी एस मनराल ने बताया कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है और यह योजना उनमें से एक है।
प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र
देहरादून के किसानों के लिए सरकार ने कई सुविधाएं मुहैया कराई हैं। अब किसानों को उर्वरक, बेहतर बीज और कृषि यंत्र आसानी से मिल जाते हैं। सरकार ने किसान समृद्धि केंद्र खोले हैं, जहां किसानों को इन सभी चीजें किराए पर भी मिल जाती हैं। देहरादून में कई सहकारी समितियां काम कर रही हैं जो किसानों को खेती से जुड़ी हर तरह की मदद देती हैं। देहरादून जिले में 39 सहकारी समितियां काम कर रही हैं जो हजारों किसानों और महिलाओं को जोड़कर उद्यमिता विकास में योगदान दे रही हैं। ये समितियां जन सेवा केंद्र और जन औषधि केंद्र भी चलाती हैं। किसान अपनी न्यायपंचायत की सहकारी समिति में 108 रुपये का रजिस्ट्रेशन करवाकर इन सभी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।
शून्य ब्याज पर मिलेगा लोन
पंडित दीनदयाल किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को बिना ब्याज के लोन उपलब्ध कराया जा रहा है। डॉ. बीएस मनराल ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत किसान अल्पकालीन और मध्यकालीन दोनों तरह के लोन ले सकते हैं। अल्पकालीन लोन किसान की जमीन और लोन सीमा के अनुसार शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाता है। इस लोन को राज्य और केंद्र सरकार मिलकर वहन करती हैं।
मध्यकालीन लोन के तहत किसान दुधारू पशु, मधुमक्खी पालन या अन्य कृषि गतिविधियों के लिए 1.60 लाख रुपये तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के तहत अब तक सैकड़ों किसानों को करोड़ों रुपये का लोन वितरित किया जा चुका है। योजना का लक्ष्य किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देना है. इसलिए इस योजना के तहत अब तक 871 किसानों को अल्पकालीन लोन और 174 किसानों को मध्यकालीन लोन दिया जा चुका है।
पंडित दीनदयाल किसान कल्याण योजना का लक्ष्य
पंडित दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का लक्ष्य 59 करोड़ 76 लाख रुपये निर्धारित किया गया था। इस योजना के माध्यम से अब तक 871 किसानों को 7 करोड़ 59 लाख रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा चुकी है। इसके अतिरिक्त, मध्यकालीन लोन के अंतर्गत किसानों को दुधारू पशु, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन और अन्य कृषि गतिविधियों के लिए 1 लाख 60 हजार रुपये तक का लोन दिया जा रहा है। इस योजना के तहत मध्यकालीन लोन के लिए 35 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा गया था, जिसके विरुद्ध अब तक 174 किसानों को 2 करोड़ 92 लाख 27 हजार रुपये का लोन वितरित किया जा चुका है।
ऐसे उठाएं योजना का लाभ
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपने क्षेत्र की सहकारी समिति से संपर्क करना होगा। समिति के अधिकारी किसानों को इस योजना के बारे में पूरी जानकारी देंगे, जिसके बाद आप लोन के लिए आवेदन कर सकते है.