Loan Recovery के नाम पर बदसलूकी नहीं कर सकते बैंक, ये हैं कर्जदार के अधिकार

मंदी के समय कर्ज में डिफॉल्ट होने पर भी कर्जदारों के पास अपने एसेट की सुरक्षा के लिए अधिकार होते हैं। बैंक बिना नोटिस दिए एसेट जब्त नहीं कर सकते, और एसेट का उचित मूल्य निर्धारण आवश्यक है। इसके अलावा, कर्जदारों को बची हुई राशि पर दावा करने और अनैतिक वसूली प्रक्रिया से बचाव का अधिकार भी मिलता है।

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By Turant Loan

Loan Recovery के नाम पर बदसलूकी नहीं कर सकते बैंक, ये हैं कर्जदार के अधिकार
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Loan Recovery : आर्थिक मंदी के दौरान कई लोगों के लिए अपनी कमाई को बनाए रखना मुश्किल हो जाता है। ऐसे समय में, जिन लोगों ने कर्ज लिया है, उनके लिए अपनी संपत्ति को बचाना एक बड़ी चुनौती बन जाती है। हालांकि कई लोगों को यह नहीं पता होता कि कर्ज न चुका पाने की स्थिति में भी उनके पास कुछ अधिकार होते हैं। आइए जानते हैं कि कर्जदारों के पास क्या अधिकार हैं और कर्ज के बोझ से कैसे मुक्ति पाई जा सकती है।

1.कर्जदार को पहले से सूचना देना जरूरी

यदि आप 90 दिनों तक अपनी EMI का भुगतान नहीं कर पाते हैं, तो आपका लोन खाता नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) की श्रेणी में आ जाता है। ऐसे में बैंक या वित्तीय संस्थान आपके एसेट को जब्त करने से पहले आपको 60 दिनों का नोटिस देने के लिए बाध्य हैं। इस नोटिस के दौरान यदि आप बकाया राशि चुका देते हैं, तो आपका Asset सुरक्षित रहता है।

बैंकिंग विशेषज्ञ वी.एन. कुलकर्णी के अनुसार, यदि कर्जदार इस समय सीमा में भुगतान नहीं कर पाता है, तो बैंक आगे की कार्रवाई के लिए 30 दिन का सार्वजनिक नोटिस जारी करेंगे, जिसमें Asset की बिक्री की जानकारी दी जाती है।

2. उचित मूल्य पर एसेट की बिक्री का अधिकार

कर्जदाता को आपके Asset की बिक्री से पहले उसकी सही कीमत का निर्धारण करना होता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि Asset उचित मूल्य पर बेचा जाए, बैंक को इसके लिए एक वैल्यूअर की सहायता लेनी पड़ती है। यदि आपको लगता है कि आपके एसेट की कीमत कम आंकी गई है, तो आपके पास नीलामी को चुनौती देने का अधिकार है। इसके अतिरिक्त, आप खुद से भी एक नया खरीदार ढूंढ सकते हैं और बैंक से उसे एसेट खरीदने की अनुमति दिला सकते हैं।

3. बचे हुए पैसों पर दावा करने का अधिकार

यदि आपके Asset को नीलामी में बेचा जाता है और उस बिक्री से बैंक को उसका बकाया लोन मिल जाता है, तो नीलामी से प्राप्त शेष धनराशि पर आपका अधिकार होता है। बैंक को इस अतिरिक्त रकम को आपको लौटाना पड़ता है। इसलिए, नीलामी की पूरी प्रक्रिया पर नजर रखना महत्वपूर्ण है ताकि आपके हक की रकम आपको सही समय पर मिले।

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4. जबरदस्ती या धमकी की मनाही

कर्ज की वसूली के लिए बैंक और वित्तीय संस्थान रिकवरी एजेंट्स की सेवाएं लेते हैं, लेकिन यह एजेंट्स आपको धमकाने या जबरदस्ती करने के लिए अधिकृत नहीं होते। इनके पास सीमित अधिकार होते हैं, जैसे वे सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के बीच ही आपसे संपर्क कर सकते हैं। अगर उनके व्यवहार में कोई अनैतिकता पाई जाती है, तो आप बैंक में शिकायत कर सकते हैं। यदि बैंक आपकी शिकायत पर ध्यान नहीं देता, तो आप बैंकिंग ओम्बड्समैन के पास भी अपनी समस्या रख सकते हैं।

कर्ज के बोझ के तले दबे होने पर भी आपके पास कुछ अधिकार होते हैं जो आपकी स्थिति को राहत दे सकते हैं। यह जानना बेहद जरूरी है कि किसी भी वित्तीय संस्था को कानूनी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता है और आपके Asset की सुरक्षा को लेकर आपके पास कई अधिकार हैं। अपने अधिकारों के प्रति सजग रहकर आप अपनी संपत्ति को बचा सकते हैं और कर्ज की वसूली की प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ पूरा कर सकते हैं।

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