इंडिया रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से रेपो रेट में बीते काफी वक्त नहीं बदली है। इसका प्रभाव सीधे होम लोन लेने वालो पर दिखा है। बीते दिनों के एक प्रोगाम में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की तरफ से संकेत आए है कि आने वाले दिनों में रेपो रेट में कमी के अनुमान कम है। ये बात ऐसे लोगो को निराश करेगी जोकि ब्याज दरों में कमी चाहते है। रेपो रेट वो दर है जिस पर RBI द्वारा बैंको को लोन मिलता है।
रेपो रेट के कम होने पर बैंक अपने लोन पर ब्याज दर कम करते है। ऐसे होम लोन, ऑटो लोन और दूसरे लोन सस्ते होने लगते है। किंतु जिस समय पर RBI की तरफ से काफी वक्त तक रेपो रेट में कमी नहीं होती है तो बैंकों की ब्याज दर स्थिर हो जाने से लोन लेने वालो पर बोझ कायम रहता है। ऐसी दशा में जो भी लोग होम लोन की ब्याज दर में कमी का इंतजार करते हो तो यह ठीक स्ट्रेटजी नही है। यहां प्रीपेमेंट से होम लोन में कमी लाने या एकदम समाप्त करना ठीक होगा।
प्रीपेमेंट क्या है?
प्रीपमेंट के माध्यम से होम लोन की रकम को आंशिक या पूरी तरह से चुकता करते है और इसमें ब्याज की चिंता नहीं रहती। इसमें लोन की मिल रकम में कमी होती है जोकि बाद की EMI और ब्याज दरों में कमी करता है। अधिकतर बैंको में प्रीपेमेंट की परमिशन रहती है जोकि ग्राहक को बगैर दिक्कत के उनके लोन को टाइम से पहले समाप्त करने देता है।
प्रीपमेंट के 4 सही मेथड
- अभी बड़े अमाउंट को न दे सकने पर छोटे अमाउंट से शुरू करे। ग्राहक वार्षिक प्रीपेमेंट की रकम को तय दर से बढ़ा सकते है। ऐसे धीरे-धीरे सेविंग को होम लोन में लगाकर लोन में कमी कर सकते है।
- अपने सालभर के टोटल खर्च की प्लानिंग करके एक तय रकम का प्रीपेमेंट कर सकते है। ऐसे मूल धन जल्दी कम होता और लोन भी जल्दी समाप्त होगा।
- यदि महीने की इनकम में वृद्धि हुई हो तो प्रतिमाह में एक निश्चित EMI से अधिक रक्त की पेमेंट कर सकते है। ये तरीका बहुत सही है चूंकि ये आपके मूल धन में जल्द कमी करेगा और ब्याज की कुल रकम भी कम होगी। ये लोन के टाइमपीरियड को कम करने के साथ ही वित्त वर्ष के टारगेट को पूरा करने देगा।
- यदि वित्तीय दशा बेहतर हो या बोनस, फंड आदि मिल हो तो इससे पूरा लोन एकमुश्त पेमेंट कर दें। वैसे थोड़े बैंक ऐसे में फाइन भी लगाते है तो अपने बैंक की कंडीशन को अवश्य पढ़े।
प्रीपमेंट का मुख्य लाभ है कि मूल धन को जितना जल्द कम करेंगे, उतना ही कम ब्याज देना होगा। ये EMI का टाइम कम करने के साथ ही लोन चुकाने के समय को भी कम करेगा। रेपो रेट में कमी का इंतजार करने की जगह प्रीपेमेंट करना सही ऑप्शन है।