नई ट्रांसयूनियन सिबिल की रिपोर्ट का दावा है कि बैंक ने लोन देने में सख्ती करने लगे है। होम लोन हो, ऑटो लोन या पर्सनल लोन, हर सेक्टरों के लोन को देने में बीते वर्ष के मुकाबले में कमी देखी गई है। इस दशा में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से आम नागरिकों को नया ऑप्शन दिया गया है। इसमें ग्राहक बैंक की तरफ से लोन के नकारे जाने पर अप्लाई कर सकेंगे और अपने फाइनेंशियल गोल को पा सकेंगे।
NBFC का उभरने वाला ऑप्शन
रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट से यह साफ हो जाता है कि स्केल बेस्ड रेगुलेशंस फ्रेमवर्क (SBR) के तहत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) ने लोन में बढ़िया परफॉर्म किया है। दिसंबर 2023 के आखिरी तक इस सेक्टर में लोन देने में 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी दिखी है। अक्टूबर 2022 से SBR को शुरू करने पर बुरे फंसे लोन (NPA) के अनुपात में भी बहुत कमी देखी है। दिसंबर 2021 में NPA का अनुपात 4.4 से 10.6 फीसदी था वही अभी ये कम होकर 2.4 से 6.3 फीसदी के मध्य आ गया है।
अच्छे परिसंपत्ति क्वालिटी और रिस्क मैनेजमेंट
RBI का बुलेटिन कहता है कि NBFC में परसंपत्ति क्वालिटी और रिस्क मैनेजमेंट में बेहतरी हो रही है। NBFC में तेज गति से परिवर्तन को वित्तीय परिदृश्य में तालमेल करना पड़ेगा और रिस्क मैनेजमेंट, अनुपालन और आंतरिक ऑडिट को लेकर अलर्ट होना पड़ेगा।
त्वरित सुधारात्मक कार्यवाई (PCA) नियमों के विस्तार से NBFC सेक्टर को बल मिल सकेगा। बैंकों में बढ़ रहे रिस्क की वजह से NBFC अभी बैंक के उधार के ऊपर डिपेंड करते है और अपने फंडिंग के सोर्स में विविधता करने पर बल देने में लगे है।
मुख्य NBFC कंपनियां
रिजर्व बैंक ने SBR स्ट्रक्चर के अंतर्गत अपर लेयर की तरह से काफी मुख्य NBFC को पहचाना है, जोकि
- एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस
- बजाज फाइनेंस
- श्रीराम फाइनेंस
- टाटा संस
- एलएंडटी फाइनेंस
- इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस
- पीरामल कैपिटल और हाउसिंग फाइनेंस
- चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट और फाइनेंस
- महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज
- पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस
- आदित्य बिड़ला फाइनेंस
- एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज
- मुथूट फाइनेंस
- बजाज हाउसिंग फाइनेंस
- टाटा कैपिटल फाइनेंशिय
ये कंपनी सूचीबद्ध होने के अनुपालन में कदम उठाने की शुरुआत कर चुकी है वही टाटा संस को अगले वर्ष सितंबर तक सूची में आना होगा किंतु वो लोन चुकता करने और दूसरी वजहों से सूचीबद्ध होने से बचाव की कोशिश करने में लगे है।
आपके मामले में ये क्या अर्थ है?
अगर आपका लोन का आवेदन बैंक रद्द कर देता हो तो NBFC तक विश्वसनीय ऑप्शन रह सकता है। NBFC से आपको कई वित्त आवश्यकताओं को लेकर लोन मिल सकेगा और अभी उनकी परफॉर्मेंस मजबूत है। इस वजह से यदि आपने बैंक से लोन न ले पा रहे हो तो NBFC से कांटेक्ट करना होगा। अभी तो NBFC सही ऑप्शन की तरह से उभारा है।